हाथ जबसे है सिर पे तुम्हारा सांवरे,
हो रहा है मजे से गुज़ारा सांवरे,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
जय जय श्याम।।
तर्ज – इस जहाँ की नहीं है तुम्हारी आँखें।
सोच मैं क्यूँ करूँ मेरे घरबार की,
चिंता रहती तुम्हे मेरे परिवार की,
मुझको हर गम से तुमने उबारा सांवरे,
हो रहा है मजे से गुज़ारा सांवरे,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
जय जय श्याम।।
कैसे मोहन मैं तेरा शुक्रिया,
झोली छोटी पड़ी तूने इतना दिया,
मेरा जबसे बना तू सहारा सांवरे,
हो रहा है मजे से गुज़ारा सांवरे,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
जय जय श्याम।।
जबसे आँसू मेरे तेरे आगे गिरे,
तेरी किरपा से दिन तबसे मेरे फिरे,
तुमने ऐसा मुक़द्दर सँवारा सांवरे,
हो रहा है मजे से गुज़ारा सांवरे,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
जय जय श्याम।।
हाथ जबसे है सिर पे तुम्हारा सांवरे,
हो रहा है मजे से गुज़ारा सांवरे,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
बोलो श्याम श्याम श्याम,
जय जय श्याम।।
Singer: Komit Bansal
भजन लेखक – प्रशांत सोनी “मोहन”
8901182444