हाथ जोड़ चरणों में,
करता नमन,
बालाजी स्वीकार करो ये,
श्रद्धा सुमन।।
स्वर्ग से नजारा प्यारा,
मेंहदीपुर धाम का,
दर्शन करणे जावः,
दुनिया बाबा हनुमान का,
कटता है संकट वहां,
पल में तमाम का,
बोलते जयकारा भक्त,
बजरंग तेरे नाम का,
भक्त कीर्तन करते वहां,
ब्राह्मण हवन,
बालाजी स्वीकार करो ये,
श्रद्धा सुमन।
हाथ जोड़ चरणो में,
करता नमन,
बालाजी स्वीकार करो ये,
श्रद्धा सुमन।।
शीश प मुकुट सज्या,
हीरे और मोती जड़े,
मोतीयों की माला गल में,
कानों के महां कुण्डल पड़ै,
गाते हैं महिमा इनकी,
धर्म ग्रंथ बड़े-बड़े,
एक ओर लक्ष्मण जी,
सीया संग राम खड़े,
नाचे लोग लुगाई,
गा गा बाबा तेरे भजन,
बालाजी स्वीकार करो ये,
श्रद्धा सुमन।
हाथ जोड़ चरणो में,
करता नमन,
बालाजी स्वीकार करो ये,
श्रद्धा सुमन।।
दुनिया भर के नर और नारी,
धज्जा और चढावं लंगोट,
बालाजी महारे संकट काटो,
कहं पाया में लोट-लोट,
करणा मुराद पुरी,
बालाजी तेरा लावं रोट,
हम भक्ता ने कलयुग मे है,
बजरंगी तेरी ओट,
थारी मां सती साधवी,
पिता हैं पवन,
बालाजी स्वीकार करो ये,
श्रद्धा सुमन।
हाथ जोड़ चरणो में,
करता नमन,
बालाजी स्वीकार करो ये,
श्रद्धा सुमन।।
सतगुरु आलु सिंह,
कर गये प्रस्थान बाबा,
उनका चैला भक्त मुरारी,
गंधर्व के समान बाबा,
नरैन्द्र कौशिक भी गावः स,
तेरा ही गुणगान बाबा,
संकटमोचन थारी सरण में,
आया जयभगवान बाबा,
तुम दर्श दिखाओ मुझको,
हो क प्रसन्न,
बालाजी स्वीकार करो ये,
श्रद्धा सुमन।
हाथ जोड़ चरणो में,
करता नमन,
बालाजी स्वीकार करो ये,
श्रद्धा सुमन।।
हाथ जोड़ चरणों में,
करता नमन,
बालाजी स्वीकार करो ये,
श्रद्धा सुमन।।
स्वर – नरेंद्र कौशिक।
भजन प्रेषक,
राकेश कुमार
9992976579