हाथ जोड़ ने अरज करूँ,
मैं हाथ जोड़ ने अरज करूं,
मैं आयो थारे बारने,
दुनिया म्हाने मैणा बोले,
एक टाबर रे कारणे,
दुनिया म्हाने मैणा बोले,
एक टाबर रे कारणे।।
एक टाबरियो म्हाने देवो तो,
नहीं घटे थारी पूंजी,
एक टाबरियो म्हाने देवो तो,
नहीं घटे थारी पूंजी,
नहीं सुनेला विघ्न करूला,
नही सुनेला विघ्न करूला,
आयो घर सु धारणे,
दुनिया सारी मैणा बोले,
एक टाबर रे कारणे।।
सांवरिया सु मिलनो वेतो,
समंदरीया मे कूद पडो,
सांवरिया सु मिलनो वेतो,
समंदरीया मे कूद पडो,
इन सागर में पीपाजी ने,
इन सागर में पीपाजी ने,
मिलीया चक्र भुज धारने,
दुनिया सारी मैणा बोले,
एक टाबर रे कारणे।।
सोने रा तो महल देख्या,
हीरा पन्ना सु खूब जड्या,
सोने रा तो महल देख्या,
हीरा पन्ना सु खूब जड्या,
आय सांवरो दर्शन दीना,
आय सांवरो दर्शन दीना,
सिर पर पट्टी बांधने,
दुनिया सारी मैणा बोले,
एक टाबर रे कारणे।।
१४६१ माघ सुद,
नयो चांद जद उगेला,
सुनले अजमल थारे पालने,
दो दो टाबर झुलेला,
सुनले अजमल थारे पालने,
दो दो टाबर झुलेला,
पानी रो तो दूध बनेला,
पानी रो तो दूध बनेला,
कुंकुम पगल्या आंगने,
दुनिया सारी मैणा बोले,
एक टाबर रे कारणे।।
अजमल घर अवतार लियो है,
द्वारिका रा नाथ जी,
भक्त मंडली चरनों मे बाबा,
धरो शिश पर हाथ जी,
भक्त मंडली चरनों मे बाबा,
धरो शिश पर हाथ जी,
वेगा आईजो न देर लगाई जो,
वेगा आईजो न देर लगाईजो,
भगता रे हितकारने,
दुनिया सारी मैणा बोले,
एक टाबर रे कारणे।।
हाथ जोड़ ने अरज करूँ,
मैं हाथ जोड़ ने अरज करूं,
मैं आयो थारे बारने,
दुनिया म्हाने मैणा बोले,
एक टाबर रे कारणे,
दुनिया म्हाने मैणा बोले,
एक टाबर रे कारणे।।
स्वर – सुनीता जी स्वामी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818