हाथ जोड़ने अर्ज करूं,
आयो थारे बारणे,
दुनिया माने मौसा बोले,
एक बालक रे कारणे।।
अजमल केवे सुनो सांवरा,
मत बन इत्रों तू मूंजी,
एक टाबरियो देता,
काई गट जावे थारी पूंजी,
नहीं सुनेला विघ्न करुला,
आयो घर सु धारने,
दुनिया माने मौसा बोले,
एक बालक के कारणे।।
पंडो के वे सुनो ठाकरा,
मूर्ति सु काई लड़ो,
सांवरिया सु मिलनो वह तो,
समदरिया मैं कूद पड़ो,
इन सागर में पीपाजी ने मिलिया,
चारभुजा धार ने,
दुनिया माने मौसा बोले,
एक बालक के कारणे।।
इतनी बातां सूण अजमल जी,
समदरिया में कूद पड़्या,
सोनेरा महल देखिया,
हीरा पन्ना से जड़्या,
आई सांवरियो दर्शन दीना,
सिर पर पट्टी बांध के,
दुनिया माने मौसा बोले,
एक बालक के कारणे।।
वर्ष चोपनो मास भादवो,
नयो चांद जग उगेला,
उन दिन अजमल थारे,
पालन दो दो टाबर झूले ला,
पानी को दूध बने ला,
कुकू पगल्या आंगणे,
दुनिया माने मौसा बोले,
एक बालक के कारणे।।
अजमल घर अवतार लियो है,
द्वारका रा नाथ जी,
भक्त मंडल चरणों में बाबा,
धरो शीश पर हाथ जी,
बेगा आवजो कारज सारज्यो,
भगता के हित कारणे,
दुनिया माने मौसा बोले,
एक बालक के कारणे।।
हाथ जोड़ने अर्ज करूं,
आयो थारे बारणे,
दुनिया माने मौसा बोले,
एक बालक रे कारणे,
अजमल केवे सुनो सांवरा,
मत बन इत्रों तू मूंजी,
एक टाबरियो देता,
काई गट जावे थारी पूंजी,
नहीं सुनेला विघ्न करुला,
आयो घर सु धारने,
दुनिया माने मौसा बोले,
एक बालक के कारणे।।
गायक – शैतान बंजारा।
प्रेषक – दामोदर जांगिड़ खैरवा।
9921338629
अच्छा लगा