हाथ जोड़ने करू विनती,
मारी जगदम्बा माय,
ए मारी चामुंडा ए माय,
राखो थे बालूड़ा री लाज,
मावड़ी ये भवानी,
राखो थे भगता री लाज,
मावड़ी ये माँ।।
माँ ने तो भावे माता चूरमो,
ये मारी जगदम्बे माय,
लागे थारे लाडूड़ा रो भोग,
मावड़ी ये भवानी,
लागे थारे लाडूड़ा रो भोग,
मावड़ी ये।।
काई सुता वो सुखभर नींद में,
मारी नागणेशी माय,
ए मारी चामुंडा ये माय,
कांई थारे कानां छायो बेर,
मावड़ी ये भवानी,
कांई थारे काना छायो बेर,
मावड़ी ये।।
काजल टिकी सोवे चुड़लो ये,
मारी जगदम्बे मां,
ए मारी आवारा ये माय,
सोवे थाने सोलह सिंगार,
मावड़ी ये भवानी,
सोवे थाने सोलह सिंगार,
मावड़ी ये।।
कांई थारे पग में कांटो भागियो,
ये मारी जगदम्बे माय,
ए मारी चामुंडा ये माय,
कटोड़े लगाई अतरी देर,
मावड़ी ये भवानी,
कतोड़े लगाई अतरी देर,
मावड़ी ये।।
कोई शक्ति रा थे हो अवतार,
मारी आवरा ये माय,
ए मारी जोगणी ये माय,
आया मै थारोड़े दरबार,
मावड़ी ये भवानी,
आया मै थारोड़े दरबार,
मावड़ी ये।।
आउ जगदम्बा माऊ धोगवा,
कोई नवराता रे माय,
परचा थे देवो हाथु हाथ,
मावड़ी ये भवानी,
परचा थे देवो हाथु हाथ,
मावड़ी ये।।
मारी परभारी सुनजो विनती,
ये मारी चामुंडा माय,
राखो थे बालूड़ा री लाज,
मावड़ी ये भवानी,
राखो थे भगता री लाज,
मावड़ी ये।।
हाथ जोड़ने करू विनती,
मारी जगदम्बा माय,
ए मारी चामुंडा ए माय,
राखो थे बालूड़ा री लाज,
मावड़ी ये भवानी,
राखो थे भगता री लाज,
मावड़ी ये माँ।।
प्रेषक – रोशन कुमावत भेरुखेड़ा।
8770943301