हाथ करताल तंबूरो बजाई रई,
साधु न की संग म,
मीरा भजन करी रई।।
माथा की बिंदिया,
महल म भूली आई,
महल म भूली आई,
महल म भूली आई,
चंदन लगाई न,
माथा ख सजाई रई,
साधु न की संग म,
मीरा भजन करी रई।।
नवलख माला,
महल म भूली आई,
महल म भूली आई,
महल म भूली आई,
तुलसी की माला,
गला म सजाई रई,
साधु न की संग म,
मीरा भजन करी रई।।
पांव की पायल,
महल म भूली आई,
महल म भूली आई,
महल म भूली आई,
घुंघरू बांधी न,
पांव सजाई राई,
साधु न की संग म,
मीरा भजन करी रई।।
हाथ करताल तंबूरो बजाई रई,
साधु न की संग म,
मीरा भजन करी रई।।
गायक – शैलेन्द्र जी शास्त्री।
प्रेषक – प्रमोद पटेल
9399299349
https://youtu.be/9u-K8IaGAP8