हेली सत की संगत सुख धाम,
सुरजी उगियों शेष किरण्या।।
हेली दोसीडा को संगड़ो निवार,
दोसीडा में नही रमणा,
हेली नही मार्गिया के माय,
मार्गिया में गिया ये घणा।।
हेली काको लागो थाने कोड,
काका गावो गावणा,
हेली बीना दूल्हा की जान,
जावो कुणक पावणा।।
हेली खारा कुंवा को कड़वो नीर,
पणघट लागे ध्यावणा,
हेली बीना माली को बाग,
बाग फूला बीना ध्यावणा।।
हेली कोनी रियो सत्संग वालो कोड,
कतरा द्यो बुलावणा,
श्यामा मुश्किल पल्ट है भार,
गंगा जी में न्हावणा।।
हेली सत की संगत सुख धाम,
सुरजी उगियों शेष किरण्या।।
गायक – विनोद मेघवाल हनुमानपुरा।
8094953386