हे भोले नाथ दया करके,
अब मुझे बसा लो चरणन में,
हे भोले नाथ दया कर के,
अब मुझे बसा लो चरणन में।।
तर्ज – श्यामा आन बसों वृन्दावन में।
फल फुल की थाली लायी हूँ,
चरणों में तुम्हरे आयी हूँ,
तुम्हे अपने बसाकर नैनन में,
अब मुझे बसा लो चरणन में।
हे भोले नाथ दया कर के,
अब मुझे बसा लो चरणन में।।
बेल पात की थाली लायी हूँ,
दर्शन को तुम्हारे आई हूँ,
तुम्हे देख लूँ मन के दर्पण में,
अब मुझे बसा लो चरणन में।
हे भोले नाथ दया कर के,
अब मुझे बसा लो चरणन में।।
मैं भंग धतूरा लायी हूँ,
मैं दर दर की ठुकराई हूँ,
मुझे दे दो शरण बस चरणन में,
अब मुझे बसा लो चरणन में।
हे भोले नाथ दया कर के,
अब मुझे बसा लो चरणन में।।
तेरा नाम का सुमिरन करती हूँ,
यही रो रो कर बस कहती हूँ,
तेरे दर्श की प्यास है अखियन में,
अब मुझे बसा लो चरणन में।
हे भोले नाथ दया कर के,
अब मुझे बसा लो चरणन में।।
तेरा प्रेम हमारी पूजा है,
कोई और ना मन में दूजा है,
तुम छिपे हो मन के बगियन में,
अब मुझे बसा लो चरणन में।
हे भोले नाथ दया कर के,
अब मुझे बसा लो चरणन में।।
हे भोले नाथ दया करके,
अब मुझे बसा लो चरणन में,
हे भोले नाथ दया कर के,
अब मुझे बसा लो चरणन में।।
Singer : Tripti Shakya