हे बिहारी जु हे बिहारी जु,
मेरी जिन्दगी की आरजू,
बस तू ही तू, बस तू ही तू,
बस तू ही तू, बस तू ही तू।।
तर्ज – किस राह में किस मोड़।
मेरी ख्वाहिशे तेरी आशिकी,
मेरी ख्वाहिशे तेरी आशिकी,
तेरा प्यार है मेरी जिंदगी,
तेरा प्यार है मेरी बंदगी,
हे बिहारी जू हे बिहारी जू,
पहली और आखिरी जुस्तजू,
बस तू ही तू, बस तू ही तू,
बस तू ही तू, बस तू ही तू।।
खोई रहूं तेरी बाहों में,
खोई रहूं तेरी बाहों में,
डूबी रहूं इन निगाहों में,
डूबी रहूं इन निगाहों में,
हे बिहारी जू हे बिहारी जू,
जिसको मैं चाहूँ रूबरू,
बस तू ही तू, बस तू ही तू,
बस तू ही तू, बस तू ही तू।।
मुझे थाम लो खुद हाथ से,
मुझे थाम लो खुद हाथ से,
रहूं खुश सदा तेरे साथ से,
रहूं खुश सदा तेरे साथ से,
हे बिहारी जू हे बिहारी जू,
सजदा जिसका सदा करूँ,
बस तू ही तू, बस तू ही तू,
बस तू ही तू, बस तू ही तू।।
घायल तेरी कायल तेरी,
घायल तेरी कायल तेरी,
‘गोपाली’ बस पागल तेरी,
‘गोपाली’ बस पागल तेरी,
हे बिहारी जू हे बिहारी जू,
जिसको मैं अपना कह सकूँ,
बस तू ही तू, बस तू ही तू,
बस तू ही तू, बस तू ही तू।।
हे बिहारी जू हे बिहारी जू,
मेरी जिन्दगी की आरजू,
बस तू ही तू, बस तू ही तू,
बस तू ही तू, बस तू ही तू।।
स्वर – साध्वी पूर्णिमा दीदी जी।