हे दशरथ नन्दन राम,
माँ कौशल्या के राम।।
तर्ज – होंठों से छू।
अयोध्या विराजे आप,
हम सबका करो कल्याण,
हे धन्य अयोध्या धाम,
जहां राम विराजें है,
हे दशरथनन्दन राम,
माँ कौशल्या के राम।।
भाग्य भारत का है,
अयोध्या आए है,
22 जनवरी को,
अयोध्या विराजेंगे,
जय जय श्री राम हरे,
जय जय श्री राम हरे।।
घर घर में दिप जलें,
गलियों में खुशियां है,
त्रेता युग के वो राम,
कलियुग में आए है,
भारत भर के लोग,
अयोध्या आए है।।
हिन्दुओं का आराध्य है राम,
आंखों का तारा है,
ये राज्य राम का है,
मर्यादा की मुरत राम,
ना दुःखी रहेगा आज,
शान्ति का सन्देश है।।
मोदी योगी अमित,
संग राजनाथ सिंह है,
भारत को आगे भी,
इनसे एक आशा है,
सब साथ भारत का विकास,
यह ईनका नारा है।।
पंडित अशोक गावें,
श्रीराम के चरणों में,
मोदी जी अर्जी एक,
गौ माँ की बारी है,
राष्ट्रीय पशु गौ माँ,
अब और ना देर करों।।
हे दशरथ नन्दन राम,
माँ कौशल्या के राम।।
लेखक / गायक – पं. अशोक फींच जोधपुर।
9166382292