हे गिरधर गोपाल श्याम तू,
आजा मेरे आँगना,
माखन मिश्री तुझे खिलाऊँ,
और झुलाऊँ पालना,
हें गिरधर गोपाल श्याम तू।।
छोटे छोटे हाथ में तेरे,
बंशी आज सजा दूँ मैं,
मोर मुकुट अपने हाथों से,
तेरे सिर पे बांधू मैं,
खेलन को तोहे देउँ खिलौना,
आजा रे मनमोहना,
माखन मिश्री तुझे खिलाऊँ,
और झुलाऊँ पालना,
हें गिरधर गोपाल श्याम तू।।
चन्दन चौकी सजी है थाली,
भोग लगा ले भाव से,
दूध मलाई मटकी भरी है,
खाले मेरे हाथ से,
कब से बाट निहारूं तेरी,
और मोहे तरसाव ना,
माखन मिश्री तुझे खिलाऊँ,
और झुलाऊँ पालना,
हें गिरधर गोपाल श्याम तू।।
मैं तो अर्जी करूँ रे कन्हैया,
आगे तेरी मर्जी है,
आना हो तो आ रे साँवरिया,
फिर क्यों करता देरी है,
मुरली की या तान सुना जा,
चाल ना टेढ़ी चाल ना,
माखन मिश्री तुझे खिलाऊँ,
और झुलाऊँ पालना,
हें गिरधर गोपाल श्याम तू।।
धन्ना जाट ने तुझे पुकारा,
रूखा सूखा खाया तू,
करमा बाई लाई खीचड़ो,
रूचि रूचि भोग लगाया तू,
मेरी बार क्यों रूठ के बैठा,
भायी ना मेरी भावना,
माखन मिश्री तुझे खिलाऊँ,
और झुलाऊँ पालना,
हें गिरधर गोपाल श्याम तू।।
हे गिरधर गोपाल श्याम तू,
आजा मेरे आँगना,
माखन मिश्री तुझे खिलाऊँ,
और झुलाऊँ पालना,
हें गिरधर गोपाल श्याम तू।।
Singer – Monika Agarwal