हे गोपाल राधा कृष्ण गोविंद गोविंद,
कृष्ण गोविंद गोविंद,
कृष्ण गोविंद गोविंद।।
रसना पे जो तेरा नाम रहे,
जग में फिर नाम रहे ना,
मन मंदिर में मेरा श्याम रहे,
झुठा संसार रहे ना रहे,
झुठा संसार रहे ना रहे,
दिन रैन हरि का ध्यान रहे,
कोई ओर फिर ध्यान रहे ना रहे,
तेरी कृपा का अभिमान रहें,
कोई ओर अभिमान रहें ना रहे,
हे गोंपाल राधा कृष्ण गोविंद गोविंद
कृष्ण गोविंद गोविंद,
कृष्ण गोविंद गोविंद।।
मेरा यार नंद नंदन हो चुका है,
वो जा हो चुका है जिगर हो चुका है,
ये सच जानिए जो भी बतला रहा हूँ,
जो कुछ पास था सब नजर हो चुका है,
जगत की सभी खूबियाँ मेने छोडी,
जो दिल था इधर अब उधर हो चुका है,
वह उस मस्त की खुद ही लेता खबर है,
जो उसके लिए बेखबर हो चुका है,
हे गोंपाल राधा कृष्ण गोविंद गोविंद,
कृष्ण गोविंद गोविंद,
कृष्ण गोविंद गोविंद।।
हे गोपाल राधा कृष्ण गोविंद गोविंद,
कृष्ण गोविंद गोविंद,
कृष्ण गोविंद गोविंद।।
स्वर – विनोद जी अग्रवाल।
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।।हर हर महादेव शम्भू।।
अति सुन्दर।