सारे तीरथ धाम आपके चरणों में,
हे हनुमान प्रणाम आपके चरणों में,
हे हनुमान प्रणाम आपके चरणों में।।
हिरदय में सियाराम बिठा के,
मन मंदिर में सजाया है,
लेके सहारा श्री राम का,
पत्थरों को तिरवाया है,
पत्थरों को तिरवाया है,
राम जी के प्यारे सिया के दुलारे,
राम जी के प्यारे सिया के दुलारे,
भक्तो का सुख चैन आपके चरणों में,
हे हनुमान प्रणाम आपके चरणों में।।
मेघनाथ के नागपाश से,
राम लखन को छुड़वाया,
हनुमान ने गरुड़ को लाकर,
बंधन को था कटवाया,
बंधन को था कटवाया,
जय जयकार तुम्हारी हनुमत,
जय जयकार तुम्हारी हनुमत,
शत शत है प्रणाम आपके चरणों में,
हे हनुमान प्रणाम आपके चरणों में।।
राम सिया को तुमने मिलाया,
उजाड़ी रावण की लंका,
अक्षय कुमार को मार मिटाया,
युद्ध का बजाया था डंका,
युद्ध का बजाया था डंका,
मारुती नंदन हे जगवंदन,
मारुती नंदन हे जगवंदन,
बारम बार प्रणाम आपके चरणों में,
हे हनुमान प्रणाम आपके चरणों में।।
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता,
तुमसे सब कुछ पाना है,
अजर अमर गुण निधि सूत होऊ,
मात सिया ने बखाना है,
मात सिया ने बखाना है,
अंधे को आँखे कोड़ी को काया,
अंधे को आँखे कोड़ी को काया,
मिलता है आराम आपके चरणों में,
हे हनुमान प्रणाम आपके चरणों में।।
सारे तीरथ धाम आपके चरणों में,
हे हनुमान प्रणाम आपके चरणों में,
हे हनुमान प्रणाम आपके चरणों में।।
स्वर – रंजीत राजा।
प्रेषक – मनोज कश्यप (न्यू दिल्ली)