हे लाड़ली किशोरी,
चरणों में मुझे बिठा लो,
हे लाडली किशोरी,
चरणों में मुझे बिठा लो,
मैं दास हूं तुम्हारा,
सेवा में मुझे लगा लो,
हे लाडली किशोरी,
चरणों में मुझे बिठा लो।।
कोई ना गुण है मुझ में,
अवगुण की खान हूं मैं,
क्या भाव प्रेम श्रद्धा,
भक्ति से अनजान हूं मैं,
मेरे दोष क्षमा करके,
मेरे दोष क्षमा करके,
बृज धाम में बसा लो,
मैं दास हूं तुम्हारा,
सेवा में मुझे लगा लो,
हे लाडली किशोरी,
चरणों में मुझे बिठा लो।।
तुम हो कृपा की सागर,
करुणामई है नाम तेरा,
मुझको हे राधा रानी,
बस आप का सहारा,
मुझ दीन हीन को भी,
मुझ दीन हीन को भी,
श्यामा जू अब अपना लो,
मैं दास हूं तुम्हारा,
सेवा में मुझे लगा लो,
हे लाडली किशोरी,
चरणों में मुझे बिठा लो।।
बड़ी आस लिए मन में,
तेरे द्वार पर में आया,
संसार की माया ने,
दर-दर मुझे भटकाया,
मैं हूं शरण तिहारी,
मैं हूं शरण तिहारी,
अब आप ही संभालो,
मैं दास हूं तुम्हारा,
सेवा में मुझे लगा लो,
हे लाडली किशोरी,
चरणों में मुझे बिठा लो।।
कहे ‘चित्र विचित्र’ श्यामा,
चरणों के पास रखना,
जैसे भी है किशोरी,
हम को निभाएं रखना,
चरणों का सुख मैं पांऊ,
चरणों का सुख मैं पांऊ,
बृज धूल में मिला लो,
मैं दास हूं तुम्हारा,
सेवा में मुझे लगा लो,
हे लाडली किशोरी,
चरणों में मुझे बिठा लो।।
हे लाड़ली किशोरी,
चरणों में मुझे बिठा लो,
हे लाडली किशोरी,
चरणों में मुझे बिठा लो,
मैं दास हूं तुम्हारा,
सेवा में मुझे लगा लो,
हे लाडली किशोरी,
चरणों में मुझे बिठा लो।।
स्वर – श्री चित्र विचित्र जी महाराज।
प्रेषक – शेखर चौधरी मो – 9074110618