हे लाडली मुझको भूल ना जाना,
करके दया की दृष्टि जल्दी बुलाना,
हे लाड़ली मुझको भुल ना जाना।।
तर्ज – परदेसियों से ना।
जैसी भी हूँ मैं तो श्यामा,
तेरी हूँ तेरी,
फिर क्यों लगाए लाडो,
मिलने में देरी,
सब पे करी है करुणा,
मो पे भी लुटाना,
हे लाड़ली मुझको भुल ना जाना।।
टुकड़ों पर तेरे मेरा,
जीवन चले है,
इसी आस पर मेरी,
जिंदगी चले है,
मिलेगा मुझे भी एक दिन,
वास बरसाना,
हे लाड़ली मुझको भुल ना जाना।।
दूर क्यों बसाया मुझको,
मेरी क्या खता है,
कुछ तो बताओ श्यामा,
तुमको सब ही पता है,
जैसे भी रखना मुझको,
ना नज़र हटाना,
हे लाड़ली मुझको भुल ना जाना।।
सेह भी फिरे हरिदासी,
आंसू बहाए,
ब्रज के बाहर कहीं सांसे,
छूट ही ना जाए,
रेत का घरोंदा मेरा,
तुम ही बचाना,
हे लाड़ली मुझको भुल ना जाना।।
हे लाडली मुझको भूल ना जाना,
करके दया की दृष्टि जल्दी बुलाना,
हे लाड़ली मुझको भुल ना जाना।।
स्वर – हैप्पीशर्मा श्रीहरिदासी जी।
प्रेषक – पंकज कपूर।
9873183493