हे मंगल की मूल भवानी,
शरणा तेरा है,
शरणा तेरा है,
शरणा तेरा है,
आसरा तेरा है,
माँ मंगल की मूल भवानी,
शरणा तेरा है।।
मैया है ब्रह्मा की पुतरी,
लेकर ज्ञान सवर्ग से उतरी,
आज तेरी कथा बनाय देई सुथरी,
प्रथम मनाया है,
माँ मंगल की मूल भवानी,
शरणा तेरा है।।
मैया भवन बणा जाली का,
हार गूंथ ल्याया है माली का,
हो ध्यान घर कलकत्ते वाली का,
पुष्प चढ़ाया है,
माँ मंगल की मूल भवानी,
शरणा तेरा है।।
मैया महिषासुर को मारया,
अपने बल से धरण पछाड्या,
हो हाथ लिये खाण्डा दुघारा,
असुर संघार्या है,
माँ मंगल की मूल भवानी,
शरणा तेरा है।।
कहता शंकर जटोली वाला,
हरदम रटे गुरां की माला,
हो खोल मेरे हृदय का ताला,
विद्या बर पाया है,
माँ मंगल की मूल भवानी,
शरणा तेरा है।।
हे मंगल की मूल भवानी,
शरणा तेरा है,
शरणा तेरा है,
शरणा तेरा है,
आसरा तेरा है,
माँ मंगल की मूल भवानी,
शरणा तेरा है।।
Singer – Vikash Nath Ji
Upload By – Anand Swami