हे शिव भोले भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी।।
बाघम्बर तेरे अंग पर सोहे,
हाथ में तिरशूल भारी,
भूत पिशाच नृत्य करे संग में,
नाचे दे दे ताली,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी।।
डम डम डमरू बजाए,
नंदी की सवारी,
विष को पीकर क्षण में शिव ने,
देवो की विपदा टारि,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी।।
उमा रमण शम्भू त्रिपुरारी,
भव भय भंजनहारी,
इस विरले दानी की महिमा,
गावे सब नर नारी,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी।।
‘दामोदर’ की विनती यही है,
काटो विपदा हमारी,
कष्ट मिटा जग के तुम कर दो,
घर घर में खुशयारी,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी।।
हे शिव भोले भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी।।
स्वर – संजय मित्तल जी।