है जिंदगी बस तेरी बदौलत,
हे श्याम तेरा ये शुक्रिया है,
तेरे नाम से मिली है इज्जत,
हे श्याम तेरा ये शुक्रिया हैं,
है ज़िन्दगी बस तेरी बदौलत।।
तर्ज – है जिंदगी कितनी खूबसूरत।
मिली जो श्याम मुझको तेरी रहमत,
अब ना मुझे कोई गम नही है,
जो बढ़ाये मेरे हौसलों को,
जो बढ़ाये मेरे हौसलों को,
वो साहस बाबा तूने दिया है,
है ज़िन्दगी बस तेरी बदौलत।।
तेरी ही भक्ति का ये असर है,
देखूं जिधर में बस तू ही तू है,
अपना बनाकर मुझको ओ बाबा,
एहसान मुझपे तूने किया है,
है ज़िन्दगी बस तेरी बदौलत।।
मेरी निगाहों में बस तेरा नूर है,
बनके तू ‘दिलबर’ दिल में समाजा,
‘नीता’ की कहती है ये धड़कन,
तुझ बिन कही लागे न जिया है,
है ज़िन्दगी बस तेरी बदौलत।।
है जिंदगी बस तेरी बदौलत,
हे श्याम तेरा ये शुक्रिया है,
तेरे नाम से मिली है इज्जत,
हे श्याम तेरा ये शुक्रिया हैं,
है ज़िन्दगी बस तेरी बदौलत।।
स्वर – नीता जी नायक।
लेखक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
9907023365