हिमाचल नगरी में आया,
देखो ब्याह रचावा ने।।
दोहा – शिव जी चालिया परणवा,
ले भूतो ने सगं,
ब्रह्मा विष्णु सगं में,
चडियो ब्याह को रंग।
डमरू वाले बाबा चाल्या,
देखो रोल मचावा ने,
हेमाचल नगरी में आया,
देखो ब्याह रचावा ने।।
बिंद बन्या है भोलें बाबा,
ऐसो रूप बनायो है,
सारा तन पे भस्मी रमायी,
गले नाग लीपटायो है,
भांग चढ़ाकर आख्या किनी,
राती लाल डरावा ने,
हेमाचल नगरी में आया,
देखो ब्याह रचावा ने।।
भूत प्रेत संग चले रे बाराती,
जोगनिया भी साथ है,
कोई नाचे कोई रे गावे,
कोई दिखावें दाँत है,
लारे लारे जोगनिया भी,
गीत बन्ना का गावा ने,
हेमाचल नगरी में आया,
देखो ब्याह रचावा ने।।
जान देख नगरी सब डरगी,
घर में जा घुस जावे है,
सास सु मिलग्यो आच्छ्यो जमाई,
मूर्च्छित हो गिर जावे है,
जद पहुँचिया शिव शंकर बाबा,
तोरण द्वार वन्दावा ने,
हेमाचल नगरी में आया,
देखो ब्याह रचावा ने।।
बात बिगड़ती देखी नारद,
दोडिया दोडिया आवे है,
ऊँच नींच को दियो वास्तों,
शिव जी ने समजावे है,
चाँद सूरज को रूप बनायो,
शिवजी फैरा ख़ावा ने,
हेमाचल नगरी में आया,
देखो ब्याह रचावा ने।।
कर सोलह शृंगार सदाशिव,
मंडप माई आवे है,
सासू लूल लूल लेवे बारना,
सब नगरी हर्षावे है,
पुनमचंद गौरा जद आई,
वरमाला पहनावा ने,
हेमाचल नगरी में आया,
देखो ब्याह रचावा ने।।
डमरू वाले बाबा चाल्या,
देखो रोल मचावा ने,
हिमाचल नगरी में आया,
देखो ब्याह रचावा ने।।
Singer – Jagdish Ji Vaishnav
प्रेषक – देव वैष्णव नवानियाँ।