हिमाचल सुरिस्वर की महिमा,
जग में बड़ी महान है,
नाकोडा के तीर्थोउधारक,
जिनशासन की शान है।।
तर्ज – सेठो की क्या करे नोकरी।
घाणेराव में दीक्षा लेकर,
जो बन गये थे वैरागी,
हित विजय गुरु को पाकर,
बने जिन शासन अनुरागी,
गाँव शहर में विचरण करके,
बने मेवाड़ की शान है,
नाकोडा के तीर्थोउधारक,
जिनशासन की शान है।।
नाकोडा जी मे जाकर के,
करी साधना थी गुरुवर ने,
भेरूजी की प्रतिस्ठा कराई,
यश फैला दुनिया भर में,
भेरूजी का पर्चा भारी,
पूजे सारा जहान है,
नाकोडा के तीर्थोउधारक,
जिनशासन की शान है।।
मुंडारा आदिनाथ की,
चौकी को बना दी एक रात में,
गुरु वचन से बड़ी मिठाई,
थी लब्धी जिनके हाथ मे,
कहे किशन और दिलबर सबसे,
गुरुवर ललित के प्राण है,
नाकोडा के तीर्थोउधारक,
जिनशासन की शान है।।
हिमाचल सुरिस्वर की महिमा,
जग में बड़ी महान है,
नाकोडा के तीर्थोउधारक,
जिनशासन की शान है।।
गायक – किशन गोयल।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन, म.प्र. 9907023365