हो गया अब मुझे,
श्याम पे ऐतबार,
मेरा मालिक हो गया है,
बाबा लखदातार।।
तर्ज – ऐ मेरे हमसफ़र।
शाम सवेरे अब मैं तो,
सुमिरण इसका करूँ,
चाहे कहे कोई कुछ भी,
दुनिया से ना डरूं,
हर घड़ी दिल में रहे,
इसका ही खयाल।
हो गया अब मुझें,
श्याम पे ऐतबार,
मेरा मालिक हो गया है,
बाबा लखदातार।।
दुःख की नहीं है अब चिंता,
दुःख में था जी रहा,
आंसू लगे अब अमृत,
हंस हंस के पी रहा,
दामन में मिली मुझे,
खुशियाँ बेशुमार।
हो गया अब मुझें,
श्याम पे ऐतबार,
मेरा मालिक हो गया है,
बाबा लखदातार।।
मीत नहीं मेरा कोई,
तुझ पे भरोसा मेरा,
रखना सदा चरणों में,
बरसे तेरी करुणा,
आँखे ना मूंद लेना मेरे,
सांवरिया सरकार।
Bhajan Diary,
हो गया अब मुझें,
श्याम पे ऐतबार,
मेरा मालिक हो गया है,
बाबा लखदातार।।
हो गया अब मुझे,
श्याम पे ऐतबार,
मेरा मालिक हो गया है,
बाबा लखदातार।।
स्वर / रचना – मुकेश कुमार जी।