हो रहा शुभ आगमन,
हर्षित हुआ है ये मन,
श्री मंजू बाईसा आज पधारे,
पावन हुआ ये घर आँगन,
सु-स्वागतम सु-स्वागतम,
सु-स्वागतम सु-स्वागतम,
हो धन्य हुआ है ये जीवन,
बरस रहे नभ से सुमन,
राहो में श्री बाईसा के,
पलके बिछाये बैठे है हम,
सु-स्वागतम सु-स्वागतम,
सु-स्वागतम सु-स्वागतम।।
हो जहाँ जहाँ पड़े बाईसा के,
ये चरण कमल,
उस नगरी के भक्तो का,
मानो है पूण्य प्रबल,
श्री मंजू बाईसा आज पधारे,
जागे है भाग्य हमारे,
उस घर मे छाई है खुशियां,
और मिटे सारे गम,
सु-स्वागतम सु-स्वागतम,
सु-स्वागतम सु-स्वागतम।।
श्री बाबोसा की शक्ति,
संग में जिनके रहती है,
सारी दुनिया प्यार से उनको,
मंजू बाईसा कहती है,
जय बाबोसा जो भी पुकारे,
हो जाये उसके वारे न्यारे,
मंजू बाईसा प्यार लुटाये,
भक्तो पे हरदम,
सु-स्वागतम सु-स्वागतम,
सु-स्वागतम सु-स्वागतम।।
विनती सुनकर श्री बाईसा,
आप पधारी है द्वार,
एहसान आपका न भूलेगा,
गोलच्छा परिवार,
हो ‘दिलबर’ तुलसी आये है,
आया है बाबोसा परिवार,
प्राची मीनाक्षी और हर्ष,
गाते है सुरो की सरगम,
सु-स्वागतम सु-स्वागतम,
सु-स्वागतम सु-स्वागतम।।
हो रहा शुभ आगमन,
हर्षित हुआ है ये मन,
श्री मंजू बाईसा आज पधारे,
पावन हुआ ये घर आँगन,
सु-स्वागतम सु-स्वागतम,
सु-स्वागतम सु-स्वागतम,
हो धन्य हुआ है ये जीवन,
बरस रहे नभ से सुमन,
राहो में श्री बाईसा के,
पलके बिछाये बैठे है हम,
सु-स्वागतम सु-स्वागतम,
सु-स्वागतम सु-स्वागतम।।
गायक – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
लेखक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365