होली बाबा से खेलयावांगा,
रूणिचा चालो,
रूणिचा नगरी रे,
बाबा की नगरी,
होली बाबा से खेल्यावांगा,
रूणिचा चालो।।
फागण में म्हारो रामधनी,
रंग रंगीलो दिखे,
दूर दूर से आव जातरी,
रंग गुलाल उड़ावे,
की मेलो बाबा को देख्यावांगा,
रुणिचे चालो,
होली बाबा से खेल्यावांगा,
रूणिचा चालो।।
बाबा के दरबार माही ने रंग,
हबीब उडास्या,
सूरत देखी रामधनी की,
चन्दन खूब लगास्या,
की आपा बाबा से मिलावांगा,
रुणिचे चालो,
होली बाबा से खेल्यावांगा,
रूणिचा चालो।।
झांझ मजीरा चंग बजास्या,
झूम झूम कर नाचा,
रामधनी के रंग रंगोड्या,
भगत सदा ही साँचा,
की आपा बाबा न मनावांगा,
रुणिचे चालो,
होली बाबा से खेल्यावांगा,
रूणिचा चालो।।
लीले रो असवार रामदेव,
पर्चा खूब दिखावे,
भगता माही भीड़ पड़े तो,
लीले चढ़ न आवे,
लीले वाले न रिझावंगा,
रुणिचे चालो,
होली बाबा से खेल्यावांगा,
रूणिचा चालो।।
अन धन का भंडार भरया है,
दोनों हाथ लुटावे,
मन चाया वरदान मिले है,
जो कोई आस लगावे,
की डोरी प्रीत की बंध्यावांगा,
रुणिचे चालो,
होली बाबा से खेल्यावांगा,
रूणिचा चालो।।
सांचा पर्चा देवन वालों,
अजमल जी को लालो,
दास गोपालो भजन सुनावे,
रूणिचा में चालो,
की जम्मो जागन लगावँगा,
रुणिचे चालो,
होली बाबा से खेल्यावांगा,
रूणिचा चालो।।
होली बाबा से खेलयावांगा,
रूणिचा चालो,
रूणिचा नगरी रे,
बाबा की नगरी,
होली बाबा से खेल्यावांगा,
रूणिचा चालो।।
गायक – गोपाल सोनी।
9982095020