होली खेला तेरे संग वे ओ सांवरे,
पावा तेरे उत्ते रंग वे ओ सांवरे,
होली खेलां तेरे संग वे ओ सांवरे।।
रंग गुलाल लेके थाली मैं सजाई है,
तेरे आवण दी मैं ता आस लगाई है,
मेरी गली विचो लंग वे ओ सांवरे,
होली खेलां तेरे संग वे ओ सांवरे।।
केहड़ी गलो दस मैं तो दूर दूर रहना है,
सुन्दा नी गल नहियो मुँहो कुछ कहंदा है,
तेरो चंगे नहियो ढंग वे ओ सांवरे,
होली खेलां तेरे संग वे ओ सांवरे।।
तेरी ही दीवानी मैं ता तेरे रंग रंगी आ,
जो भी हां मैं तेरी श्यामा चंगीआ के मंदीआ,
तू लगा ले मेनू अंग वे सांवरे,
होली खेलां तेरे संग वे ओ सांवरे।।
होली दे दिना च सारे खुशियाँ मनौंदे ने,
दास वैर भाव सारे दिल चो भुलांदे ने,
मन निकी जही गल वे ओ सांवरे,
होली खेलां तेरे संग वे ओ सांवरे।।
होली खेला तेरे संग वे ओ सांवरे,
पावा तेरे उत्ते रंग वे ओ सांवरे,
होली खेलां तेरे संग वे ओ सांवरे।।
स्वर – साध्वी पूर्णिमा दीदी जी।