होली की तो तरंग है,
और राधा जी का संग है,
मैं होरी होरी होरी,
मैं होरी होरी होरी,
होली खेलूंगी श्याम से,
आज बड़े प्यार से,
होली खेलूंगी श्याम से,
आज बड़े प्यार से।।
बरसाने में छाई,
होली की बहार है,
राधा ने भरके थाली,
उड़ाया गुलाल है,
कर दूंगी तोहे लाल रे,
करुँगी बुरा हाल रे,
मैं होरी होरी होरी,
मैं होरी होरी होरी,
होली खेलूंगी श्याम से,
आज बड़े प्यार से,
होली खेलूंगी श्याम से,
आज बड़े प्यार से।।
वृषभानु की छोरी,
आज ना मानेगी,
कान्हा को अपने रंग में,
रंग के ही ठानेगी,
होरी का रंग हाथ है,
सखियाँ भी साथ है,
मैं होरी होरी होरी,
मैं होरी होरी होरी,
होली खेलूंगी श्याम से,
आज बड़े प्यार से,
होली खेलूंगी श्याम से,
आज बड़े प्यार से।।
कान्हा भी राधे रंग में,
रंगने को तैयार है,
मन में उमंग है भारी,
होरी का त्यौहार है,
है राधे कृष्णा नाम रे,
राधे के तो है श्याम रे,
मैं होरी होरी होरी,
मैं होरी होरी होरी,
होली खेलूंगी श्याम से,
आज बड़े प्यार से,
होली खेलूंगी श्याम से,
आज बड़े प्यार से।।
होली की तो तरंग है,
और राधा जी का संग है,
मैं होरी होरी होरी,
मैं होरी होरी होरी,
होली खेलूंगी श्याम से,
आज बड़े प्यार से,
होली खेलूंगी श्याम से,
आज बड़े प्यार से।।
गायक – राकेश काला जी।