हृदय में जिनके,
बसते सीताराम है,
वो भक्त शिरोमणि,
पवनपुत्र हनुमान है,
भक्तों में भक्त हनुमान जी,
सबसे महान है,
हृदय मे जिनके,
बसते सीताराम है,
वो भक्त शिरोमणि,
पवनपुत्र हनुमान है।।
तर्ज – दिल दीवाना ना जाने।
रोम रोम में राम है,
सबको ये बतला दिया,
राम भक्त हनुमान ने
सीना चीर दिखला दिया,
राम सियाराम सियाराम,
जय जय राम,
राम सियाराम सियाराम,
जय जय राम,
रोम रोम में राम है,
सबको ये बतला दिया,
राम भक्त हनुमान ने
सीना चीर दिखला दिया,
रटते दिन रात श्री राम नाम है,
उनके चरणों में ही,
इनको आराम है,
करते राम नाम का,
अमृत पान है,
हृदय मे जिनके,
बसते सीताराम है,
वो भक्त शिरोमणि,
पवनपुत्र हनुमान है।।
राम काज करने में ये,
करते नही विलम्ब है,
राम नाम के सुमिरन में,
इनको परम आनंद है,
राम सियाराम सियाराम,
जय जय राम,
राम सियाराम सियाराम,
जय जय राम,
राम काज करने में ये,
करते नही विलम्ब है,
राम नाम के सुमिरन में,
इनको परम आनंद है,
श्री राम नाम ले,
पार सागर किया,
खोज सीता की करी,
लंका जार दिया,
अतुलित बल धाम,
वीर बलवान है,
हृदय मे जिनके,
बसते सीताराम है,
वो भक्त शिरोमणि,
पवनपुत्र हनुमान है।।
हृदय में जिनके,
बसते सीताराम है,
वो भक्त शिरोमणि,
पवनपुत्र हनुमान है,
भक्तों में भक्त हनुमान जी,
सबसे महान है,
हृदय मे जिनके,
बसते सीताराम है,
वो भक्त शिरोमणि,
पवनपुत्र हनुमान है।।
स्वर – मनीष पाण्डेय।
9558956016
Mast
बहुत ही सुंदर गाया है भजन