हम ध्वजा उठाकर कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम पैदल चलकर कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम ध्वजा उठाकर कहतें हैं,
हम हो गए खाटू वाले के।।
आए कितनी भी अला बला,
मेरा श्याम करेगा सबका भला,
जयकारा लगा हम कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम ध्वजा उठाकर कहतें हैं,
हम हो गए खाटू वाले के।।
चाहे कंकड़ चुभ जाए पाओं में,
रखेगा अपनी छावों में,
हम बड़ी शान से कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम ध्वजा उठाकर कहतें हैं,
हम हो गए खाटू वाले के।।
नित नए प्रेमी से होगा मिलन,
नित नए डेरे पर होगा भजन,
हम नाच झूम के कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम ध्वजा उठाकर कहतें हैं,
हम हो गए खाटू वाले के।।
तेरा ‘श्याम’ यही दुआ मांगे,
रहना इनके सागे सागे,
हम अर्जी लगा कर कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम ध्वजा उठाकर कहतें हैं,
हम हो गए खाटू वाले के।।
हम ध्वजा उठाकर कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम पैदल चलकर कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम ध्वजा उठाकर कहतें हैं,
हम हो गए खाटू वाले के।।
स्वर – गिन्नी कौर जी।