हम है हारे,
तुम हारे के सहारे,
हारों का आके,
बाबा साथ दो।bd।
तर्ज – गोरी है कलाइयां।
जिस पे भी बाबा तेरी,
नजर पड़ी है,
उसकी ही नैया पल में,
पार लगी है,
फिर मेरी नैया,
क्यों मजधार पड़ी है,
इसको भी बाबा,
आज तार दो,
हम हैं हारें,
तुम हारे के सहारे,
हारों का आके,
बाबा साथ दो।bd।
कितनों पे बाबा तुमने,
किरपा करी है,
कितनों की झोली तुमने,
खुशी से भरी है,
फिर मैं क्यों खाली,
तेरे दर से जाऊं,
इस झोली में भी,
कुछ तो डाल दो,
हम हैं हारें,
तुम हारे के सहारे,
हारों का आके,
बाबा साथ दो।bd।
मेरी भी लाज तेरे,
हाथ टिकी है,
लाज बचाते हो तुम,
बात सही है,
फिर मेरी बारी,
क्यों इतनी देर करी है,
इतना तो कहना,
मेरा मान लो,
हम हैं हारें,
तुम हारे के सहारे,
हारों का आके,
बाबा साथ दो।bd।
कहते है खाटू में,
लगती अदालत,
चलती नहीं है वहां,
किसी की वकालत,
श्याम कन्हाई,
मेरी करो सुनवाई,
‘साहिल’ को आके,
अब तो थाम लो,
हम हैं हारें,
तुम हारे के सहारे,
हारों का आके,
बाबा साथ दो।bd।
हम है हारे,
तुम हारे के सहारे,
हारों का आके,
बाबा साथ दो।bd।
Singer – Sahil Rana