हम तो भेरू के दीवाने है,
भेरू के दीवाने हैं,
हम तो भेरू के दीवाने हैं,
भेरू जी भक्ति के,
हम सब परवाने है,
हम तो भेरू के दीवाने हैं।।
तर्ज – आज मेरे यार की शादी।
पार्श्व भैरव के संग में,
रंगे भक्ति के रंग में,
भक्ति का रंग जमा है,
नाचे है भक्त उमंग में,
खुशी से झूमे गाये,
नाचकर कोई रिझाये,
कोई नेंनो के रस्ते,
दादा को दिल मे बिठाये हो,,
प्रीत में तेरी पागल है ये,
भक्त पुराने है,
हम तो भेरू के दीवाने हैं।।
सजा दरबार ये न्यारा,
जमी पर स्वर्ग उतारा,
प्रवीण यश कहे तुम्हारा,
धाम भक्तो को प्यारा,
किसी को मिली है शोहरत,
किसी को शानो शोकत,
किसी को मिली है इज्जत,
किसी की धन और दौलत हो,,
दिलबर दिलीप के लब पर,
भक्ति के तराने है,
हम तो भेरू के दीवाने हैं।।
हम तो भेरू के दीवाने है,
भेरू के दीवाने हैं,
हम तो भेरू के दीवाने हैं,
भेरू जी भक्ति के,
हम सब परवाने है,
हम तो भेरू के दीवाने हैं।।
गायक – दिलीप बाफना मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365