हम तो तेरे दरबार के,
दरबारी हो गए,
भोले तेरे नाम के,
पुजारी हो गए।।
तर्ज – हम तो चले परदेस।
ये कीर्तन और तेरे भजन से,
हम थे बेगाने,
हम थे बेगाने,
अब तो तेरे चरणों के,
भोले हम है दीवाने,
दर्शन दो इकबार,
हम दरबारी हो गए,
भोले तेरे नाम के,
पुजारी हो गए।
हम तो तेरें दरबार के,
दरबारी हो गए,
भोले तेरे नाम के,
पुजारी हो गए।।
हैं भोले हम बालक तुम्हारे,
भूल ना जाना,
भूल ना जाना,
भव सागर से सबकी नैया,
आकर पार लगाना,
आकर पार लगाना,
कर देना भव पार,
हम दरबारी हो गए,
भोले तेरे नाम के,
पुजारी हो गए।
हम तो तेरें दरबार के,
दरबारी हो गए,
भोले तेरे नाम के,
पुजारी हो गए।।
ये ‘शर्मा’ अब तेरी शरण में,
आके पड़ा है,
आके पड़ा है,
जांगण राजकुमार भी भोले,
कबसे द्वार खड़ा है,
कबसे द्वार खड़ा है,
हे दानी दातार,
हम दरबारी हो गए,
भोले तेरे नाम के,
पुजारी हो गए।
हम तो तेरें दरबार के,
दरबारी हो गए,
भोले तेरे नाम के,
पुजारी हो गए।।
हम तो तेरे दरबार के,
दरबारी हो गए,
भोले तेरे नाम के,
पुजारी हो गए।।