हमको है क्या गम,
साथ जो हर दम,
श्याम प्रभु रहते है,
मत घबराना मेरे प्यारो,
वो हमसे कहते है।।
श्याम के प्रेमी कभी ना सोचे,
आगे क्या क्या होना है,
उनको तो बस श्याम प्रेम,
सागर में नाव डुबोना है,
फिर सांवरिया ही सब जाने,
फिर सांवरिया ही सब जाने,
हम तो मगन रहते है,
श्याम प्रभु रहते है।।
कोई भी हालत डिगा ना,
सके श्याम के प्यारो को,
और निराशा तोड़ ना पाती,
श्याम प्रेम के तारो को,
जिन नैनो में श्याम समाए,
जिन नैनो में श्याम समाए,
वो ना कभी बहते है,
श्याम प्रभु रहते है।।
हम सब श्याम दीवानो की,
पहचान अलग ही रहती है,
देखो वो है श्याम का प्यारा,
खुद ही दुनिया कहती है,
मुख पर होती चमक अनोखी,
मुख पर होती चमक अनोखी,
गम ना कभी सहते है,
श्याम प्रभु रहते है।।
जिस गुलशन को अपने हाथों,
खुद ये श्याम सजाएगा,
‘संजय’ उसका फिर कोई गुल,
कैसे भला मुरझाएगा,
हर मौसम में सदा महकते,
हर मौसम में सदा महकते,
श्याम के गुल रहते है,
श्याम प्रभु रहते है।।
हमको है क्या गम,
साथ जो हर दम,
श्याम प्रभु रहते है,
मत घबराना मेरे प्यारो,
वो हमसे कहते है।।
स्वर – संजय पारीक जी।