हे हैदराबाद में धाम आईजी रो कहावे,
भगतो रे मन भावे,
बीरा शमशाबाद रे माय आईजी बिराजे,
जटे ढोल नगाड़ा नोपत घेरी बाजे,
हे बिलाड़ा में ज्योत जागती थोरी,
ओ आई मां थोरी,
थोरी जगमग जागे ज्योत है परचा भारी,
थे हो भगतो रे हाथ रा हुजुर नमे नर नारी।।
हे भगत बिलाड़ा सु ज्योत आईजी री लाया,
परचा वे पाया,
मैया शमशाबाद दरबार भगत हर्षाया,
मैया जगमग जागे ज्योत आरतियां कराया,
किनी प्राण प्रतिष्ठा जोर देवी हर्षावे,
भगत घणा आवे,
बीरा आवे आईजी री बैल आनंद बरसावे,
थारी होवे जय जयकार ध्वजा लहरावे,
हे हैदराबाद मे धाम आईजी रो कहावे,
भगतो रे मन भावे,
बीरा शमशाबाद रे माय आईजी बिराजे,
जटे ढोल नगाड़ा नोपत घेरी बाजे।।
हे शमशाबाद मे ज्योत जागती थोरी,
ओ आई मां थोरी थोरी,
महिमा अनंत अपार है परचा भारी,
मैया सीरवीयो री कुल राय आई मां म्हारी,
मैया नौ रे नोरता में मेलो थारो जोर भरावे,
सबोरे मन भावे,
चाढे घिरत मिठाई नारेलो भोग लगावे,
मैया सिवरे जकोरा सकल कष्ट मिट जावे,
हे हैदराबाद मे धाम आईजी रो कहावे,
भगतो रे मन भावे,
बीरा शमशाबाद रे माय आईजी बिराजे,
जटे ढोल नगाड़ा नोपत घेरी बाजे।।
हे आशाराम जी मलाराम जी आवे,
अरज करावे,
मैया भोलाराम पंवार शिश निवावे,
मैया भुराराम संग जगदीश काग आवे,
मैया करुणा री भंडार आनंद ए करावे,
कष्ट निवारे थे हो सीरवीयो री राय,
कृपा करावे,
थारी महिमा अपरम्पार परचा दिखावे,
हे हैदराबाद मे धाम आईजी रो कहावे,
भगतो रे मन भावे,
बीरा शमशाबाद रे माय आईजी बिराजे,
जटे ढोल नगाड़ा नोपत घेरी बाजे।।
हे हरिराम जी पुखारामजी आवे,
छत्तर चढावे,
मैया कालुराम राठौड़ चंवर ढुलावे,
मैया पारी देवी गंगा देवी काग शरन में आवे,
मैया संतोष भारती नवसर हार चढावे,
जमना देवी आवे,
ए आई माताजी रे चरना में शिश निवावे,
मैया करदे भवसु पार सौरभ सुख पावे,
हे हैदराबाद मे धाम आईजी रो कहावे,
भगतो रे मन भावे,
बीरा शमशाबाद रे माय आईजी बिराजे,
जटे ढोल नगाड़ा नोपत घेरी बाजे।।
ओ मैया बैल सवारी कर भक्तो रे द्वारे,
आवे शमशाबाद आवे,
ए माधव सिंह जी दीवान आशीष दिरावे,
मैया भरे अन्न धन रा भंडार,
मां महर करावे,
मैया आनंद, दिलीप, सुनील शरना में आवे,
शिश निवावे,
ओ सीरवी समाज आईजी रा हरजश गावे,
मैया पूरे मन री आस मां महर करावे,
हे हैदराबाद मे धाम आईजी रो कहावे,
भगतो रे मन भावे,
बीरा शमशाबाद रे माय आईजी बिराजे,
जटे ढोल नगाड़ा नोपत घेरी बाजे।।
ओ मैया रेखा संगीता हिलमिल आईजी रे आवे,
चुनरिया लावे,
ए चाढे चूरमा रुच रुच भोग लगावे,
मैया करजो मापर महर,
है अरज करावे,
मैया गणकी, सुशीला, रेखा देवी आवे,
आरतियां करावे,
दीजो दर्शन भगतो ने आय ए ज्योत जगावे,
थोरा पग पग परचा जोर मां महर करावे,
हे हैदराबाद मे धाम आईजी रो कहावे,
भगतो रे मन भावे,
बीरा शमशाबाद रे माय आईजी बिराजे,
जटे ढोल नगाड़ा नोपत घेरी बाजे।।
ओ मैया समस्त कार्यकरणी हिलमिल ने आवे,
आईजी ने ध्यावे,
मैया करदो बेड़ा पार आनंद हो जावे,
थारी महिमा गजब निराली मूरत मन भावे,
मैया ‘मनीष सीरवी’ भजन भाव सु बनावे,
शिश निवावे,
ओ ‘भवानी’ कोलू वालो आई चरना में गावे,
ओ विक्रम सिंह देचु वालो म्यूजिक बनावे,
मैया करदो भवसु पार है अरज करावे,
हे हैदराबाद मे धाम आईजी रो कहावे,
भगतो रे मन भावे,
बीरा शमशाबाद रे माय आईजी बिराजे,
जटे ढोल नगाड़ा नोपत घेरी बाजे।।
हे हैदराबाद में धाम आईजी रो कहावे,
भगतो रे मन भावे,
बीरा शमशाबाद रे माय आईजी बिराजे,
जटे ढोल नगाड़ा नोपत घेरी बाजे,
हे बिलाड़ा में ज्योत जागती थोरी,
ओ आई मां थोरी,
थोरी जगमग जागे ज्योत है परचा भारी,
थे हो भगतो रे हाथ रा हुजुर नमे नर नारी।।
गायक – भवानी सिंह जी राजपुरोहित
लेखक / प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818