इनको रिझा ले तू,
कृपा को पाले तू,
दिल में जो भी है,
कह दे इनको आज तू,
क्यों तू छुपाता है,
क्या कुछ तू चाहता है,
सब कुछ मांगले,
बन जा इनका ही दास तू।।
तर्ज – आज दिन चढ़ेया।
मेरे दिल की बंधी जो डोर,
तेरे दिल से सांवरे,
टूटे कभी नहीं भले ही,
टूटे सारे ख्वाब रे,
कभी दूर ना में तुमसे रहूं,
तन्हाइयां ये कैसे सहू,
जज्बात दिल के सारे तुमसे कहूं,
देखी तेरी जो श्याम अदा,
ये दिल हुआ है तुम पे फिदा,
करना नहीं कभी तू खुद से जुदा।।
इनको रिझा ले तू,
कृपा को पाले तू,
दिल में जो भी है,
कह दे इनको आज तू,
क्यों तू छुपाता है,
क्या कुछ तू चाहता है,
सब कुछ मांगले,
बन जा इनका ही दास तू।।
गायक – ऋषभ मित्तल।
लिरिक्स – ऋषभ झांकल(देवली)
6350055166