इंस्टा वाली रील ऊपर,
छाग्यो रे मारो साँवरो,
भगता का दिलडा में,
बसग्यो रे मारो साँवरो।।
यो मंडपिया वालों मंदर,
साँवरियों जीके अंदर,
अरे आबा वाला भगता ने,
दर्सन देवे सावरो।।
अरे ये कैमरे का चलका उपर,
साँवरिया का जलवा,
अरे चार खूंट के उपर यो तो,
छाग्यो रे मारो साँवरो।।
आग्यो तस्वीरा में रे,
खोले तकदीरा ने रे,
अरे रात का सपना में,
दर्सन देग्यो रे मारो साँवरो।।
खुले रुपया का भंडारा,
जामे निकले नोट करोड़ा,
अरे गरीबा ने बाटन खातिर,
आग्यो रे मारो साँवरो,
सेठा वालों सेठ,
कहलावे रे मारो साँवरो।।
फोटो गूगल उपर आग्या,
भजन यूट्यूब पर छाग्या,
चाले थाका नाम पे गाड्या,
टोल टेक्स पे यौहि कड़या,
बालकिशन प्रजापत गावे,
गावे रतनगढ़ वालों,
अरे मंडपिया वालों सेठ साँवरो,
सब सु निरालो।।
इंस्टा वाली रील ऊपर,
छाग्यो रे मारो साँवरो,
भगता का दिलडा में,
बसग्यो रे मारो साँवरो।।
Singer – Balkishan Parjapat
प्रेषक – शम्भू कुमावत दौलतपुरा।
9981101560