इस धरती पर चाँद,
उतरने वाला है,
जिसका था इंतजार,
वो आने वाला है,
अपनी पलको को,
राहो में बिछाये रखना,
घर आँगन को दीपो से,
सजाये रखना,
फिजां में भक्ति रंग,
उड़ने वाला है,
बसंत पंचमी का शुभ दिन,
आने वाला है,
फिजां में भक्ति रंग,
उड़ने वाला है,
खुशियों का वो पल,
आने वाला है।।
तर्ज – एक नन्हा सा मेहमान।
माँ छगनी का दुलारा,
है जन जन का प्यारा वो,
घेवर चन्द जी नंदन है,
इस दुनिया से न्यारा वो,
है कलयुग का अवतारी,
है सबका पालनहारा वो,
करे लीले की असवारी,
है भक्तो का रखवारा वो,
वो शुभ दिन वो अवसर,
आँगन आने वाला है,
आज खुशियो का सावन,
भी बरसने वाला है,
फिजां में भक्ति रंग,
उड़ने वाला है,
खुशियों का वो पल,
आने वाला है।।
रंग बिरंगे फूलो से,
दरबार सजायेंगे मिलकर,
मेवा मिठाई मिश्री का हम,
केक बनायेगे सूंदर,
हैप्पी बर्थ डे टू यु,
बोलेगे हम सब मिलकर,
झूमेंगे नाचेंगे और,
भक्ति करेंगे हम जमकर,
भक्तो बाबोसा का,
दर्शन होने वाला है,
नजरे जमाये रखना,
‘दिलबर’ आने वाला है,
फिजां में भक्ति रंग,
उड़ने वाला है,
खुशियों का वो पल,
आने वाला है।।
इस धरती पर चाँद,
उतरने वाला है,
जिसका था इंतजार,
वो आने वाला है,
अपनी पलको को,
राहो में बिछाये रखना,
घर आँगन को दीपो से,
सजाये रखना,
फिजां में भक्ति रंग,
उड़ने वाला है,
बसंत पंचमी का शुभ दिन,
आने वाला है,
फिजां में भक्ति रंग,
उड़ने वाला है,
खुशियों का वो पल,
आने वाला है।।
गायिका – अपेक्षा पामेचा।
लेखक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365