इसका भेद बता म्हारा अभ्दु,
सब्द करणी करिये क्यूं,
डाली भूल जगत रे माई,
जहां देखूँ वहां तू रो तू।।
नर नारी में एक विराजै,
दो दुनिया में दरसे क्यूं,
बालक होकर रोवण लागो,
राखण वालो तूं रो तूं।।
हाथी में मोटो बण बैठो,
कीड़ी में तू छोटो क्यूँ,
होय महावत ऊपर बैठो,
हाकण वालो तूं रो तूं।।
चोरों के संग चोर बण जावे,
बदमासों रे भेलो तूं,
कर चोरी ने तूं भग जावे,
पकड़न वालो तूं रो तूं।।
दाता के संग दाता बणग्यो,
भिखारियों रे भेलो तूं,
मगतो होकर मांगण लागो,
देवण वालो तूं रो तूं।।
जल थल जीव जंतु जग माई,
जंहा देखूँ जंहा तूं रो तूं,
कहत कबीर सुणो भाई साधो,
गुरु मिलिया हे यूँ का यूँ।।
इसका भेद बता म्हारा अभ्दु,
सब्द करणी करिये क्यूं,
डाली भूल जगत रे माई;
जहां देखूँ वहां तू रो तू।।
Singer – Suresh Lohar
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Nimbraj gour Dharasar bmr
बाहुत अच्छा है