इतना बता दे मुझको बाबा,
ये कैसा नाता है,
क्यों मुझपे तू इतना अपना,
प्रेम लुटाता है,
इतना बता दें।।
होती है तकलीफ कभी जो,
आँखें रोती है,
बहते आंसू पोंछ के मेरे,
हंसना सिखाता है,
क्यों मुझपे तू इतना अपना,
प्रेम लुटाता है,
इतना बता दें।।
दुनिया की ठोकर से मुझको,
गिरने दिया ना कभी,
थाम के बाँहें मेरे मुझको,
चलना सिखाता है,
क्यों मुझपे तू इतना अपना,
प्रेम लुटाता है,
इतना बता दें।।
क्यों ना इतराऊं मैं ‘कुंदन’,
किस्मत पे अपनी,
खाटू वाला मेरा मालिक,
मेरा दाता है,
क्यों मुझपे तू इतना अपना,
प्रेम लुटाता है,
इतना बता दें।।
इतना बता दे मुझको बाबा,
ये कैसा नाता है,
क्यों मुझपे तू इतना अपना,
प्रेम लुटाता है,
इतना बता दें।।
Singer – Sona Jadhav