जब जब भी विपदा आई,
मेरा श्याम बना है सहाई,
दुनिया वालो ने छोड़ा,
मेरे श्याम ने नाता जोड़ा,
बुलाओ तो ये दौड़ा आता है,
ये संकट को मिटाता है।।
तर्ज – ये बंधन तो।
मेरे दर्द भरे जब दिन थे,
श्याम ने हाथ बढ़ाया,
अंधियारी रातों में,
बाबा ने साथ निभाया,
मेरे श्याम ने गले लगाया,
और अपना मुझे बनाया,
मेरे सिर पे हाथ फिराकर,
मेरा भी मान बढ़ाया,
बुलाओ तो ये दौड़ा आता है,
ये संकट को मिटाता है।।
जग की आस नही है,
मेरा श्याम ही सच्चा साथी,
नैया भी ना डूबेगी जब,
श्याम है मेरा माझी,
अब पार करेगा ये ही,
उद्धार करेगा ये ही,
मेरी जीवन नैया को,
स्वीकार करेगा ये ही,
बुलाओ तो ये दौड़ा आता है,
ये संकट को मिटाता है।।
मेरे श्याम के दरबार में,
हारे को मिलता सहारा,
यहाँ जो भी हार के आता,
वो लगता श्याम को प्यारा,
तेरी मोरछड़ी का झाड़ा,
दे कष्टों से छुटकारा,
रहे मौज में सारा जीवन,
आराम से होता गुजारा,
बुलाओ तो ये दौड़ा आता है,
ये संकट को मिटाता है।।
हर ग्यारस में कीर्तन की,
गूंज बड़ी ही प्यारी,
दुल्हन जैसी सजती,
नगरी श्याम तुम्हारी,
‘भानु’ को खाटू बुलाया,
और सारा कष्ट मिटाया,
‘विपिन’ ने भजन सुनाकर,
बाबा को खूब रिझाया,
बुलाओ तो ये दौड़ा आता है,
ये संकट को मिटाता है।।
जब जब भी विपदा आई,
मेरा श्याम बना है सहाई,
दुनिया वालो ने छोड़ा,
मेरे श्याम ने नाता जोड़ा,
बुलाओ तो ये दौड़ा आता है,
ये संकट को मिटाता है।।
Singer – Vipin Gupta
Writer – Aakash Bhanu