जब जब मैं तुमको याद करूँ,
तुम दौड़े दौड़े आते हो,
ये कौन सा रिश्ता,
ये कौन सा नाता,
ये कौन सा रिश्ता सांवरिया,
जिसे हर पल आप निभाते हो।।
कभी बेटा बनकर आते हो,
कभी मेरे पिता बन जाते हो,
कभी माँ बनकर मेरे श्याम धणी,
गोदी मे लाड़ लड़ाते हो,
कभी बेटी बनकर सांवरिया,
मेरा जग में मान बढ़ाते हो,
ये कौन सा रिश्ता सांवरिया,
जिसे हर पल आप निभाते हो।।
इतना अनजान हूँ मैं बाबा,
तेरी महिमा जानू ना पाता हूँ,
हर रूप मैं मेरे साथ है तू,
तुझको पहचान ना पाता हूँ,
हर सुख दुख में मेरे सांवरिया
मेरे सर पर हाथ फिराते हो,
ये कौन सा रिश्ता सांवरिया,
जिसे हर पल आप निभाते हो।।
मेरा जीवन श्याम संवार दिया,
हर दुख से मुझे उबार दिया,
कैसे मैं करूं तेरा शुकराना,
हंसता खिलता परिवार दिया,
‘कुक्की’ की बगिया मैं बाबा,
तुम ही तो फूल खिलाते हो,
ये कौन सा रिश्ता सांवरिया,
जिसे हर पल आप निभाते हो।।
जब जब मैं तुमको याद करूँ,
तुम दौड़े दौड़े आते हो,
ये कौन सा रिश्ता,
ये कौन सा नाता,
ये कौन सा रिश्ता सांवरिया,
जिसे हर पल आप निभाते हो।।