जब कोई नहीं आता तब आता यही है,
माझी बन नैया पार लगाता यही है,
की हारे का सहारा यही है,
की हारे का सहारा यही है।।
तर्ज – तुझे ना देखूं तो चैन मुझे।
आंधी और तूफानो से लगता ना डर,
दुनिया की अब मुझको ना फिकर,
रहमत की मुझ पे बरसात हो गई,
जब से सांवरे से मुलाकात हो गई,
मुलाकात हो गई,
उलझन मेरी सारी सुलझाता यही है,
माझी बन नैया पार लगाता यही है,
की हारे का सहारा यही है,
की हारे का सहारा यही है।।
दर पर तेरे जब से आए हैं हम,
कभी ना रुलाया खाके कहते कसम,
अपनों से ज्यादा मुझे प्यार मिल गया,
दर पर तेरे श्याम परिवार मिल गया,
परिवार मिल गया,
प्रेमी से प्रेमी को मिलाता यही है,
माझी बन नैया पार लगाता यही है,
की हारे का सहारा यही है,
की हारे का सहारा यही है।।
तेरा ये सुरूर मेरे मन में चढ़ा,
धीरे धीरे बाबा मैं भी आगे बढ़ा,
भजनों को जबसे मैं गाने लगा,
जीवन से अंधेरा मेरे जाने लगा,
मेरे जाने लगा,
डूबे सूरज को तो उगाता यही है,
माझी बन नैया पार लगाता यही है,
की हारे का सहारा यही है,
की हारे का सहारा यही है।।
जब कोई नहीं आता तब आता यही है,
माझी बन नैया पार लगाता यही है,
की हारे का सहारा यही है,
की हारे का सहारा यही है।।
स्वर – सूरज शर्मा।