आहे जब लेऊँ राम का नाम,
गुरूजी मेरः याद घणे आवं।।
पास बिठा समझाया करते,
बाबा त मिलवाया करते,
वे दिन ना भुले जावं,
गुरूजी मेरः याद घणे आवं,
आहे जब लेऊ राम का नाम,
गुरूजी मेरः याद घणे आवं।।
सारे शक्ति सौंप गए री,
ना सतगुरू मेरे पास रहे री,
संत इसे टोहे ना पावं,
गुरूजी मेरः याद घणे आवं,
आहे जब लेऊ राम का नाम,
गुरूजी मेरः याद घणे आवं।।
भोली भोली सुरत लागे प्यारी,
उनमें दिखं मुगदरधारी,
या दुनिया न्युं दर्शन चहावः,
गुरूजी मेरः याद घणे आवं,
आहे जब लेऊ राम का नाम,
गुरूजी मेरः याद घणे आवं।।
जब जब बैठुं मैं जोत जगा क,
रोए जां सुं मैं टकरा क,
आंंसु गुरू गुरू गावंः,
गुरूजी मेरः याद घणे आवं,
आहे जब लेऊ राम का नाम,
गुरूजी मेरः याद घणे आवं।।
अशोक भक्त सतगुरु का प्यारा,
राजपाल इब रह गया न्यारा,
सतगुरु ना टोया पावः,
गुरूजी मेरः याद घणे आवं,
आहे जब लेऊ राम का नाम,
गुरूजी मेरः याद घणे आवं।।
आहे जब लेऊँ राम का नाम,
गुरूजी मेरः याद घणे आवं।।
गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )