जबसे शरण में आया मेरा काम हो गया,
तेरे प्रेमी जनों में मेरा नाम हो गया,
मिट गई सब तकलीफे अब आराम हो गया,
तेरे प्रेमी जनों में मेरा नाम हो गया।।
तर्ज – छुप गए सारे नज़ारे।
तुमने बुलाया तो मैं चला आया,
मैं खुद से नहीं श्याम आया,
जाना प्रेमी के संग तो एक बहाना था,
मुझपे किरपा तुम्हे तो बरसाना था,
खाटु आना जाना मेरा आम हो गया,
खाटु आना जाना मेरा आम हो गया,
तेरे प्रेमी जनों में मेरा नाम हो गया।।
प्रेम जताया ये प्रेम सिखाया,
तो प्रेम निभाना पड़ेगा,
अब तो मुझसे थोड़ी प्यारी बाते कर ले,
चाहे छोटी बड़ी हो मुलाकाते कर ले,
पहले मैं गुल था अब गुलफाम हो गया,
पहले मैं गुल था अब गुलफाम हो गया,
तेरे प्रेमी जनों में मेरा नाम हो गया।।
अपना बना के भुला नहीं देना,
मैं तेरा हूँ तेरा रहूँगा,
अपने ‘निर्मल’ को बाबा,
अपने पास रखना,
राह भटके कभी तो ध्यान ख़ास रखना,
मेरे मन मंदिर में तेरा धाम हो गया,
मेरे मन मंदिर में तेरा धाम हो गया,
तेरे प्रेमी जनों में मेरा नाम हो गया।।
जबसे शरण में आया मेरा काम हो गया,
तेरे प्रेमी जनों में मेरा नाम हो गया,
मिट गई सब तकलीफे अब आराम हो गया,
तेरे प्रेमी जनों में मेरा नाम हो गया।।
Singer : Amit Kalra
Bahut hi sundar