जब श्याम की यादें आती है,
तब राधा यूं घबराती है।।
तर्ज – जब याद की बदली छाती है।
राह तुम्हारी तक तक कर,
आंख भी थक थक जाती है,
जब पाए न दर्शन-२,
आंख तुम्हारे,
झर झर नीर बहाती हैं,
जब श्याम की यादे आती है,
तब राधा यूं घबराती है।।
तुम बिन सूना है जीवन,
तुम बिन सूना आंगन है,
पर हे मन मोहन-२
‘शिव’ को प्रीतम,
तेरी याद सताती है,
जब श्याम की यादे आती है,
तब राधा यूं घबराती है।।
जब श्याम की यादें आती है,
तब राधा यूं घबराती है।।
Writer – Shiv Narayan Verma
7987402880
Singer – Harshprit Muskan