जब श्याम ने पकड़ी कलाई,
फिकर फिर क्या करना,
तेरी होगी हर सुनवाई,
तेरी होगी हर सुनवाई,
फिकर फिर क्या करना,
जब श्याम नें पकड़ी कलाई,
फिकर फिर क्या करना।।
तर्ज – तुझे याद ना मेरी आई।
तेरी नाव भंवर में डोले,
तू घबराना नहीं,
तेरा माझी श्याम धणी है,
भूल तू जाना नहीं,
इनको पतवार थमाई,
इनको पतवार थमाई,
फिकर फिर क्या करना,
जब श्याम नें पकड़ी कलाई,
फिकर फिर क्या करना।।
कोई काल कपाल भी तुझको,
छू नहीं पाएगा,
तेरे हर संकट से पहले,
श्याम आ जाएगा,
ये बनके चले परछाई,
ये बनके चले परछाई,
फिकर फिर क्या करना,
जब श्याम नें पकड़ी कलाई,
फिकर फिर क्या करना।।
जिस प्रेमी ने दिल इनपे,
अपना हार दिया,
‘सोनू’ सुख सारा इसने,
उस पर वार दिया,
तेरी प्रीत श्याम को भायी,
तेरी प्रीत श्याम को भायी,
फिकर फिर क्या करना,
जब श्याम नें पकड़ी कलाई,
फिकर फिर क्या करना।।
जब श्याम ने पकड़ी कलाई,
फिकर फिर क्या करना,
तेरी होगी हर सुनवाई,
तेरी होगी हर सुनवाई,
फिकर फिर क्या करना,
जब श्याम नें पकड़ी कलाई,
फिकर फिर क्या करना।।
स्वर – संजय मित्तल जी।
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