जब तक सांसो में सांस रहे,
मैं तेरे भजन सुनाता रहूँगा,
रूठो प्रभु चाहे राजी रहो,
मैं दर पे तुम्हारे ही आता रहूँगा,
मैं गाता रहूँगा,
जब तक साँसो में साँस रहे।।
मुलाकात खुशियों से तुमने कराई,
तुम्ही ने सिखाया है हसना मुझे,
अब ना शिकायत ना शिकवा कोई,
मैं तुम्हारी रजा में मुस्कराता रहूँगा,
मैं गाता रहूँगा,
जब तक साँसो में साँस रहे।।
मुझे सर उठाकर के जीना सिखाया,
बनाया मुझे सबका प्यारा प्रभु,
तेरे दर पे मिलती है राहत मुझे,
मैं दर पे सर ये झुकाता रहूँगा,
मैं गाता रहूँगा,
जब तक साँसो में साँस रहे।।
मेरे आंसुओ का तू ही मोल समझे,
मेरे दर्द की तू दवा सांवरे,
करो ना करो तुम स्वीकार प्रभु,
मैं अंसुवन की भेंट चढ़ाता रहूँगा,
मैं गाता रहूँगा,
जब तक साँसो में साँस रहे।।
जब तक सांसो में सांस रहे,
मैं तेरे भजन सुनाता रहूँगा,
रूठो प्रभु चाहे राजी रहो,
मैं दर पे तुम्हारे ही आता रहूँगा,
मैं गाता रहूँगा,
जब तक साँसो में साँस रहे।।
स्वर – शीतल पांडेय जी।