बहे माई रेवा, बहे माई रेवा,
जबलपुर में देखो बहे माई रेवा,
तोरे चरनन में हम सब रहें माई रेवा,
जबलपुर में देखों बहे माई रेवा।।
अमरकंठ से निकली,
मोरी माई रेवा,
मकर वाहिनी तू मोरी माई रेवा,
देखो कल कल की धारा,
करे माई रेवा,
अमरकंठ में देखो बहे माई रेवा,
जबलपुर में देखों बहे माई रेवा।।
जब सब भगत तुम्हरे,
दर्शन खों आवें,
दर्शन खों आवें,
और डुबकी लगावें,
देखो हर हर नरबदे,
कहें माई रेवा,
अमरकंठ में देखो बहे माई रेवा,
जबलपुर में देखों बहे माई रेवा।।
दयालु,कृपालु मोरी माई रेवा,
सबके जीवन की रेखा,
मोरी माई रेवा,
जो भी दर्शन करे वो,
तरे माई रेवा,
अमरकंठ में देखो बहे माई रेवा,
जबलपुर में देखों बहे माई रेवा।।
बहे माई रेवा, बहे माई रेवा,
जबलपुर में देखो बहे माई रेवा,
तोरे चरनन में हम सब रहें माई रेवा,
जबलपुर में देखों बहे माई रेवा।।
गायक / प्रेषक – उदय लकी सोनी (दशरमन)
9131843199
https://youtu.be/MM6ZyDnqyqw