जबसे किया भरोसा मैंने,
मेरे बने सब काम,
सुख दुःख का मेरे साथी बन गया,
मेरा खाटू वाला श्याम,
प्रेम का तार न टूटे,
कभी दरबार न छूटे।।
तर्ज – स्वर्ग से सुन्दर।
इनके भरोसे अपना,
छोड़ा परिवार ये सारा,
जब साथी मेरा कन्हैया,
क्यों ढूँढू और सहारा,
श्याम प्रभु की सेवा करके,
मिला मुझे सम्मान,
प्रेम का तार न टूटे,
कभी दरबार न छूटे।।
इनके भरोसे मैंने,
ये जीवन नाव चलाई,
चाहे कितने तूफ़ा आए,
पर नाव ने मंजिल पाई,
सांवरिये ने करके दया,
थाम ली है पतवार,
प्रेम का तार न टूटे,
कभी दरबार न छूटे।।
मेरी हर पल चिंता,
करता है खाटू वाला,
कहता ‘रोमी’ सबसे,
मेरा श्याम बड़ा दिल वाला,
सेठो के इस सेठ से मेरी,
हो गई है पहचान,
प्रेम का तार न टूटे,
कभी दरबार न छूटे।।
जबसे किया भरोसा मैंने,
मेरे बने सब काम,
सुख दुःख का मेरे साथी बन गया,
मेरा खाटू वाला श्याम,
प्रेम का तार न टूटे,
कभी दरबार न छूटे।।
Singer – Sardar Romi Ji