जय जय माँ,
जब से मन में मैने बसाई,
माँ रानी की तस्वीर,
तब से बदल गए दिन,
चमक गई तकदीर,
चमक गई तकदीर,
जब सें मन में मैंने बसाई,
माँ रानी की तस्वीर।।
मैया से बांधी है मैने प्रीत की डोरी,
अपनी ही सांसे मैने मां से है जोड़ी,
अपनी ही सांसे मैने मां से है जोड़ी,
जब से मां की महिमा गाई,
आंख से बरसे न नीर,
आंख से बरसे न नीर,
जब सें मन में मैंने बसाई,
माँ रानी की तस्वीर।।
मैया जी की भक्ति का ओढ़ा दुशाला,
जीवन के पन्ने नाम लिख डाला,
हर पन्ने पर नाम लिख डाला,
जब से मैने लगन लगाई,
मिट गई मन की पीर,
मिट गई मन की पीर,
जब सें मन में मैंने बसाई,
माँ रानी की तस्वीर।।
मैया जी का रंग ऐसा छाया,
लागे जग झूठा,
झूठी ये माया,
जब से ‘कीर्ति’ शरण मे आई,
टूटी सब जंजीर,
टूटी सब जंजीर,
जब सें मन में मैंने बसाई,
माँ रानी की तस्वीर।।
जय जय माँ,
जब से मन में मैने बसाई,
माँ रानी की तस्वीर,
तब से बदल गए दिन,
चमक गई तकदीर,
चमक गई तकदीर,
जब सें मन में मैंने बसाई,
माँ रानी की तस्वीर।।
गायक – विकुल शर्मा।
गीतकार- कीर्ति पाहूजा
9340721316