जब से मिले है बालाजी के,
नैनो से मेरे नैन रे,
होगा सु फेन रे,
बाबा का फेन रे।।
सपने म भी सोची ना थी,
मारा दिन भी भोड़े गा,
जो मुंह फेर का चलाया करते,
आगा पीछा दौड़े गा,
मारा ते भी जोड़े गा,
हाथ जेंटलमैन र,
होगा सु फेन रे,
बाबा का फेन रे।।
मेरे जैसा दुखिया मानस,
पावे ना था टोया,
महंदीपुर में जाके ने दुख,
बाबा आगे रोया,
आन जान मे कार इनोवा,
तरसे दिन रहन र,
होगा सु फेन रे,
बाबा का फेन रे।।
कती लक्ष्मी भूल गई थी,
मारे तो घर बार ने,
धर–धर के तने भूलू ईसा,
बरसे धन व्यापार में,
तरसे करता कार ने,
आज कारा की लगी लेन र,
होगा सु फेन रे,
बाबा का फेन रे।।
राम नाम का अमृत प्याला,
मस्त मुरारी ठीक है,
जैसी किस्मत जय भगवान की,
बाबा सबकी लिखे,
जब तक फोटू ना दिखा,
इस कौशिक का ना चैन र,
होगा सु फेन रे,
बाबा का फेन रे।।
जब से मिले है बालाजी के,
नैनो से मेरे नैन रे,
होगा सु फेन रे,
बाबा का फेन रे।।
Singer – Narender Kaushik Ji
Upload By – Deepak Rathore
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