जबसे श्याम से मेरी,
मुलाकात हो गई,
तब से खुशियों की जैसे,
बरसात हो गई,
मिले श्याम से नैना,
और फिर बात हो गई,
तब से खुशियों की जैसे,
बरसात हो गई।।
तर्ज – छुप गए सारे नज़ारे।
मुझको निहारा है उसने पुकारा,
किया फिर एक इशारा,
इस इशारे से बदली किस्मत सारी,
मैं तो ऐसे नैनो पे जाऊं बलिहारी,
उसी की किरपा से ये,
करामात हो गई,
तब से खुशियों की जैसे,
बरसात हो गई।।
और क्या बताऊँ मैं तुमको सुनाऊ,
वो लीला उस प्यारे की,
केवल नैनो का उसके खेल है सारा,
बहती जिससे निरंतर प्रेम की धारा,
छाया श्याम की जबसे,
‘मीनू’ के साथ हो गई
तब से खुशियों की जैसे,
बरसात हो गई।।
जिसने भी जाना है श्याम को माना,
वही बन गया दीवाना,
खाटू नगरी से जब भी तुम जाओगे,
पाकर धीरज तुम भी फिर वहीँ आओगे,
अब दिन होली दिवाली,
हर रात हो गई,
तब से खुशियों की जैसे,
बरसात हो गई।।
जबसे श्याम से मेरी,
मुलाकात हो गई,
तब से खुशियों की जैसे,
बरसात हो गई,
मिले श्याम से नैना,
और फिर बात हो गई,
तब से खुशियों की जैसे,
बरसात हो गई।।
Singer – Meenu Vijay Sharma
ये भी देखें – जबसे तेरी मेरी मुलाकात।